सुख पाता एक जन जिस साधन से, हो सकता है दूजे को न दे पाए शांति। सुख पाता एक जन जिस साधन से, हो सकता है दूजे को न दे पाए शांति।
के किसको बनाने के खातिर हम किसको मिटाना चाहते हैं। के किसको बनाने के खातिर हम किसको मिटाना चाहते हैं।
या वो झूठ जो सच पर लगाकर सीधी चढ़ता गया। या वो झूठ जो सच पर लगाकर सीधी चढ़ता गया।
मैं हूं व्यक्ति कुटुंब अगर यह मेरा होता मेरे सुख दुख में वह भी तो हंसता रोता । मैं हूं व्यक्ति कुटुंब अगर यह मेरा होता मेरे सुख दुख में वह भी तो हंसता रोत...
आदर्श तुम्हारे ख़ुद के ही, तहखाने में सड़ जाते है। आदर्श तुम्हारे ख़ुद के ही, तहखाने में सड़ जाते है।
मुझे अपना कोई दर्द नहीं बतलाती है, मेरी हर खुशी को धागे में पिरोते जाती है, कुछ भी कर दो उसक... मुझे अपना कोई दर्द नहीं बतलाती है, मेरी हर खुशी को धागे में पिरोते जाती है,...